पागल बना गयी तुम
पागल बना गयी तुम
देखो ना मुझे खबर भी ना हुई,
और सब कुछ मेरा चुरा ले गयी हो तुम।
आँखों के रस्ते से आकर कब तुम,
मेरे दिल में चुप-चाप समा गयी हो तुम।
अब साँस भी लू तो आये सिर्फ तेरी ही खुश्बू,
मेरी सारी कायनात को अपना बना ले गयी हो तुम।
है ये मौसम का खुमार है या ये सब तेरा ही जादू,
मेरी ख्वाहिशों के आसमान पर इस कदर छा गयी हो तुम।
मेरा बस अब मुझ पर ही चलता नहीं है,
अजीब से हालात हैं और मुझे पागल बना गयी है हो तुम।
देखो ना मुझे खबर भी ना हुई,
और सब कुछ मेरा चुरा ले गयी हो तुम !