निर्णय लो
निर्णय लो
यूं ही नहीं लिए जाते जिंदगी में फैसले,
फैसलों की ताकत तो जिंदगी बना देती है।
खुद को साहस दो अकेलेपन के दौर में,
जब जिंदगी हौसलो को भी गिरा देती है।
चलों मान लिया कि तुम हारे चुके हो,
पर सोचों कि शुरुआत किया तो सही।
सीखते रहना हार से भी अपने क्योंकि
ऐसे मौके हर किसी को मिलते नहीं।
जब हार भी हरा दे तुम्हें
तो जीतने का निर्णय लो।
अपनों और रिश्तों में हार जीत कैसी,
माना अपनों की नजरों में धोखा हैं।
खुद को हराकर जिताया था जिनकोे,
आज उन्हीं अपनों ने तुमको रोका है।
जब कोशिशें भी नाकाम हों तो,
कदम बढ़ाने का निर्णय लो।
ये जो घाव हैं वो अपनों के दिए हैं
उन्हें वक्त के हाथों ही भरने दो।
बन जाओ हर चोट पर मरहम,
लोगों को बेतुकी बातें करने दो।
खिलाफ हो जाए दुनिया सारी
खुद का साथ देने का निर्णय लो।
जब दुनिया गिरा दे घुटनों पर,
खुद के पैरों पर चलने का निर्णय लो।