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डोली

डोली

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माता-पिता की लाडली आज कहाँ चली,

सज-धज कर डोली अपने साजन के घर चली।


आँखों में आँसू खुशियों की बहार ले चली

माँ की प्यारी पिता की लाडली आज कहाँ चली।


भाई-बहन दोस्ती की कहानी बन चली,

खेले खाये साथ एक अच्छी थी जिन्दगानी।


अपना घर छोड़ पराये घर की हो चली

सारी यादें प्यार को आज छोड़ चली,

सज-धज कर डोली अपने साजन के घर चली।


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