सुन रही हो न जिन्दा हूँ मैं
सुन रही हो न जिन्दा हूँ मैं
सुन रही हो न जिन्दा हूँ मैं
छोटी बातों से कभी हरा नहीं हूँ मैं
बस थोड़ा सा नादान हूँ मैं
बोली बातों को सच मान लेता हूँ मैं
अपने जैसा दुनिया को समझता हूँ मैं
सबको हँसाकर खुश रह पाता हूँ मैं
परेशानियाँ झेलना तो आदत है मेरी
इनसे तो रोज़ खेलता हूँ मैं
मन की सुन्दरता देखता हूँ मैं
ख़ुद को समझदार समझता हूँ मैं
ऐसी गलतियाँ तो रोज़ करता हूँ मैं
लोगो को ख़ुशियाँ बेचता हूँ मैं
कुछ भी बेवजह हँसता हूँ मैं
देखो देख पाओ तो नहीं बदला हूँ मैं
सुन रही हो न जिन्दा हूँ मैं