तन्हाई में जीते गये हैं हम
तन्हाई में जीते गये हैं हम
ना कोई मंज़िल है
ना कोई किनारा है
तनहाई मेरी महफ़िल है
यादें मेरा सहारा हैं
तुमसे बिछड़कर हम ने
यूँ वक्त गुजारा है,
कभी जिंदगी में रो दिये तो
खुदा से पहले तुम्हें पुकारा है
जो शामियाना तुम सजा के गये
वहां सूनी शमां जलाये बैठे हैं हम
सूनी पलक का हर आंसू पीये बैठे हैं हम
हर लम्हा मरे ख़ुद
आपको जिते गये है हम !!