घर से ............
घर से ............
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घर से…।
कितनी बातें
कितनी यादें
जुड़ी हुई सब
इस घर से।
कितने किस्से
कथा कहानी
जुड़े हुये सब
इस घर से।
कुछ सुख के
कुछ दुख के पल
जुड़े हुये सब
इस घर से।
घूँघट भीतर
तिरछी चितवन
चेहरे पर
फूलों की शोख़ी
जुड़े हुऐ सब
इस घर से।
भोर की बेला
रुनझुन पायल
शंख नगाड़े
मंदिर पूजा
जुड़े हुऐ सब
इस घर से।
अब क्यूँ सूने
लगते कमरे
खोये गीत
कहाँ घर से।
उगेगा कोई
सूर्य सुनहरा
पूरी आभा
लेकर अपनी
शायद जल्दी
इस घर से।
कितनी बातें
कितनी यादें
जुड़े हुऐ सब
इस घर से।
000
पूनम श्रीवास्तव