"याद आते हो आप "
"याद आते हो आप "
खड़ा मैं रास्ते मे देखता हूँ, आपको एक मुसाफिर बनकर ,
आ जाते हो याद आप एक घटना बनकर ।
* मैं मजबूर हूँ जो देखता हूँ आपकी तरफ़ ,
पर आप पीछे मुड़कर भी नहीं देखते घमंडी बनकर ।
* जब मुस्कराने को मन करता है,
आ जाते हो आप याद बनकर ।
* कहीं खो सा जाता हूँ ख्यालों ही ख्यालों में,
क्या करूँ रुला देते हो आप याद बनकर ।
* कभी-कभी आ जाती है प्यारी सी नींद ,
आ जाते हो आप नींद में एक सपना बनकर ।
* मैंं रमन जिन्दगी में हूँ अकेला आपके बिना ,
हो सके तो आ जाओ मेरी ज़िन्दगी में आप दोस्त बनकर ।
..............रमन शर्मा !