छोड़ दो
छोड़ दो
चलो छोड़ दो तुम
कल की बात पुरानी
कुछ सोचते नया
लिखते मिलकर कहानी
जो बीता भूल जाओ
ना तुम आंसू बहाओ
नया दिन नई शुरूआत
चलो आगे बढते जाओ
सच्चाई के राह पर
तकलीफ हरदम देखो
ना छोड़ना राह वह
उजालों की तुम देखो
बीती रात को जब
कमल दल जो फूले
हम भी उसी तरह
पल-पल आगे चले।