बरगदी-नीम
बरगदी-नीम
शराफत का हमारी
ना-जायज ना मजा लीजे
गलतियाँ कीजिये फिर,
सुधरने की जगह रखिये।
चाँद-तारों को छूना है
तो जाएं छू के आ जाएं
मगर जो एक सूरज है उससे
ज़रा सी दूरियां रखिये।
तरक्की सीढ़ी है, चढ़ेंगे
आगे पहुंचेंगे
संभलिये कूदेंगे-फादेंगे
तो गिरेंगे सब्र से बढ़िये।
इल्म है तालीम है
यह सब किताबी है
सड़क पे जब चलिए
तो चौकन्ना चला कीजे।
फकीरों को केवल बुदबुदाता
बुत नहीं समझें
तजुर्बे बांटता है अपने
समझने का हुनर रखिये।
वह जो बरगद है
नीम से जरा अलहदा है
बस इक को पूजते रहिये
और इक से सेहतमंद रहिये।