वो सुबह शाम नहीं होती
वो सुबह शाम नहीं होती
दौड़ती भागती इस जिन्दगी में
अब वो सुबह-शाम नहीं होती
देर से घर आने पर
कोई परेशान नहीं होती
सुबह उगते सूरज के साथ,
जगाने के लिए,
माँ की फटकार नहीं होती,
और डूबते सूरज के साथ,
खाना खाने को
वो दुलार नहीं होता,
शाम पढाई के लिए
पिताजी का वो डाँट नहीं होती,
सब होता है
पर
वो सुबह शाम नहीं होती।