मनुष्य का अस्तित्व क्या है ?
मनुष्य का अस्तित्व क्या है ?
मनुष्य का अस्तित्व क्या है ?
इस धरा में या नीले गगन में
अंतहीन यात्रा..........
या भटकते भावों की
एक अनवरत यात्रा.......
या सिसकते ख्वाब कोई
घिर रहे हो बादलो में.......
या चमकती ओस की बूदें
लिए खिलती बहारें.......
कोई बतला दे मुझे ये बात क्या है?
ये मनुज बस एक कोहरे का धुवाँ है....
अस्तित्व है नर का नहीं बस आज इतना
जी लिए बस आज अपने ही सहारे
अपितु जो जीता है और के लिए भी
मिलता है उसको ही जीने के सहारे .....
और अस्तित्व भी , इस जहाँ में ........
और कहलाता है ज्ञानी या विद्वान
और मानव भी ........