माँ दुर्गा
माँ दुर्गा
आशीष रहे सदैव तेरा,
सदा दिशा तू देती माँ।
हम भटकों को राह दिखा कर,
सबका मंगल करती माँ।
ना रहे कोई लाचार यहां पर,
ना नसीब को कोसे माँ।
हर जीवन को नया जीवन देकर,
अपनी झलक दिखलाती माँ।
पाकर दर्शन तेरे,
जीवन सहज बन जाता माँ।
तेरी जय जयकार से,
घर आंगन महक जाता माँ।
तेरे नौ रूप नई नई सीख देकर,
मन को पुलकित कर जाते माँ।
देख दिव्य आभा तेरी ,
मन में आत्मविश्वास भर आता माँ।
तेरे स्मरण से ही जीवन,
नई परिभाषा लिख जाता माँI
तेरे आंचल की छाया में,
मोक्ष मार्ग खुल जाता माँ।