सुबह सवेरे
सुबह सवेरे
चाँद से कह दो चाँदनी ना बिखेरे,
हम चाहते हैं किसी को इतना, ऐ चाँद,
कि चाँदनी फीकी लगती है, सुबह सवेरे।
सर्द हवाओं से कह दो सर्दी ना बिखेरे,
हमारे पास है सूरज की तपिश ए हवाओं,
की सर्द हवा भी गर्म लगती है, सुबह सवेरे।
तनहा दिल को कह दो धड़कन आह ना बिखेरे,
मेरा जिया बड़ी ज़ोर से धड़कता है सीने में,
कि आन्हों को जीने नहीं देता मन, सुबह सवेरे।