वृक्षारोपण वनमहोत्सव
वृक्षारोपण वनमहोत्सव
दिनोंदिन काम होते जा रहे हैं वसुंधरा में वृक्ष,
वसुधा की सेवा करने सदा रहते हैं प्रत्यक्ष।
प्रति अंचल प्रति घर में होना चाहिए एक छोटा सा उद्यान,
परिमल पुष्प हरित परिवेश के लिए देना होगा ध्यान।
हमारे पूर्वज प्रदान किए कितने सारे छायेदार तरु,
इनके शीतल छाए की वजह से याद रहेंगे यह अनमोल तरु।
पेड़ रक्षा करें भूमि के ऊपरी स्तर की मृत्तिका,
जिनके बिना माहि हो जायेगी जैसे मूल्यहीन मरीचिका।
नए पीढ़ी को सिखाना हरियाली और पर्यावरण का मूल्य,
हमारे पृथ्वी परिपार्श्व है मरकत मणि सम बहुमूल्य।
प्रतिदिन देना आवश्यक है अपने बगीचे के तरु लताओं को जल,
धरणी में जल-चक्र में तरुओं की उपस्थिति है सदा अनुकूल।
वृक्ष के बिना धरित्री में जीवन है निराधार,
वृक्ष ही हैं फल-फूल हरियाली के आधार।
सालों-साल करते रहें वृक्षारोपण वनमहोत्सव,
यह तो है भूमि के लिए जीवनदायक उत्सव।