तुझे याद कर लेता हूँ
तुझे याद कर लेता हूँ
दीया क्या जलाऊं
तेरा चेहरा देख लेता हूँ
फुलझड़ी से क्या खेलूँ
तेरी आवाज सुन लेता हूँ
पटाखे फोड़ना तो
मेरी फितरत नहीं है
और कुछ करने की भी
हसरत नहीं है
घर क्या सजाऊं
तेरा श्रृंगार कर लेता हूँ
अंधेरे में चांद-तारों से
बात कर लेता हूँ
दीवाली क्या मनाऊं
तुझे याद कर लेता हूँ।