Sanjay Pathade Shesh
Drama
पाँचवें वर्ष में,
नेताजी को
अचानक
दौरे आ रहे हैं
वे चुनाव क्षेत्र
की ओर
दौड़े जा रहे हैं।
रेवड़ी
जनप्रतिनिधि
अजब दौर है
आदत
श्रद्धा बनाम ...
मोहरा
मोहरे
विश्वास
आश्वासन
हाइकू रचनायें
कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं छांव है l इस सफर में लगा जिंदगी का दाम है l कहीं चिलचिलाती धूप है तो कहीं छांव है l इस सफर में लगा जिंदगी का दाम है l
जिस दिन दिखेगी खुद की कमी उस दिन खुलेगी आपकी आंख जिस दिन दिखेगी खुद की कमी उस दिन खुलेगी आपकी आंख
काग़ज को इतना है सहेजा कचरा सा लगे अब जीवन मेरा। काग़ज को इतना है सहेजा कचरा सा लगे अब जीवन मेरा।
हर बार नये साहिल तक पहुचने से पहले अपना रास्ता बदल लेती है घबराया था मन उस में काफी या हर बार नये साहिल तक पहुचने से पहले अपना रास्ता बदल लेती है घबराया था मन उस मे...
तेरा साथ हो हाथों में हाथ हो हर जन्म तुझको चुनना हो। तेरा साथ हो हाथों में हाथ हो हर जन्म तुझको चुनना हो।
शुक्र है खुदा...आप जैसी भूख नहीं हमें.. दो रोटी...चम्मच भर चावल इसमें ही थमे. शुक्र है खुदा...आप जैसी भूख नहीं हमें.. दो रोटी...चम्मच भर चावल इसमें ही थमे.
जो दुआ थी मेरी, उसका दिल तोड़ आया हूं मैं।। जिसे टूटकर चाहा जो दुआ थी मेरी, उसका दिल तोड़ आया हूं मैं।। जिसे टूटकर चाहा
ख्वाब टूटे मेरे कांच जैसे ख्वाब कोई दिखाना नहीं है ख्वाब टूटे मेरे कांच जैसे ख्वाब कोई दिखाना नहीं है
संग मेरे चलना, हमेशा हर दम, हर पल, हर दफ़ा। संग मेरे चलना, हमेशा हर दम, हर पल, हर दफ़ा।
बस इसी जंजीर को टोड़ना है खुद के सुकून को खुद में ढूंढना है..... बस इसी जंजीर को टोड़ना है खुद के सुकून को खुद में ढूंढना है.....
रिश्ता बनाए रखने के लिए सच्चा प्रेम जरूरी है l प्रेम फूलों की खुशबू, प्रेम बसंत की ऋ रिश्ता बनाए रखने के लिए सच्चा प्रेम जरूरी है l प्रेम फूलों की खुशबू, प्रेम ब...
सियाही ये, रौशनाई हुई, तुझपर लिखने के बाद। दिल मेरा दिल हुआ, तुझको पाने के बाद….. सियाही ये, रौशनाई हुई, तुझपर लिखने के बाद। दिल मेरा दिल हुआ, तुझको पाने के बा...
मैंने बाबुल की झुकी पगड़ी को देखा, मेरे लिए उन्हें किसी के आगे झुकते देखा, मैंने बाबुल की झुकी पगड़ी को देखा, मेरे लिए उन्हें किसी के आगे झुकते देखा,
मुद्दतें हो गई तू न आया मगर तेरी तस्वीर से बात बनती रही । मुद्दतें हो गई तू न आया मगर तेरी तस्वीर से बात बनती रही ।
सपने देखे थे क्या क्या ना पा लूंगी मैं, हौसलों की उड़ान भी भरपूर रही मेरी l सपने देखे थे क्या क्या ना पा लूंगी मैं, हौसलों की उड़ान भी भरपूर रही मेरी l
अकेला था तू, अकेला ही तू चल खुद में ही छुपे हैं खुशियों के पल- 2 अकेला था तू, अकेला ही तू चल खुद में ही छुपे हैं खुशियों के पल- 2
फिर ये अवसर दोबारा नहीं आया तुमने कुछ क्यों नहीं कहा। फिर ये अवसर दोबारा नहीं आया तुमने कुछ क्यों नहीं कहा।
फुर्सत के क्षणों में प्रकृति की सुंदरता को निहारते थे फुर्सत के क्षणों में प्रकृति की सुंदरता को निहारते थे
क्या ईश्वर और खुदा को लेना पड़ेगा इस खौफ को हटाने का जिम्मा ? क्या ईश्वर और खुदा को लेना पड़ेगा इस खौफ को हटाने का जिम्मा ?
तुम्हारा देख कर चेहरा हमारा दिन निकलता है, तुम्हारा रूप देखे तो तुम्ही से चाँद जलता है तुम्हारा देख कर चेहरा हमारा दिन निकलता है, तुम्हारा रूप देखे तो तुम्ही से चाँ...