धर्म
धर्म
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हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई,
असल में सब है भाई भाई।
कोई छोटा न कोई बड़ा,
हर धर्म ने सिखाई अच्छाई।।
सिखाते हैं सारे धर्म,
करना है केवल कर्म।
नहीं सिखाता कोई धर्म,
करना कभी कोई जुर्म।।
कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सद्-गुण।
इन्हीं को बस संजोना है।
कट्टरपंथी बन के कुछ भी,
हासिल नहीं होना है।।