नई शुरूआत
नई शुरूआत
थोड़ा सा तुम बदलो, थोड़ा सा हम बदलते हैं,
आओ इस रिश्ते की इक नई शुरूआत करते हैं|
जाने कैसे दिलों में फासले की लकीरें बन गई,
गलतफ़हमियों से पैदा हुईं सभी दरारें भरते हैं|
आओ इस रिश्ते की इक नई शुरूआत करते हैं…
मुक़म्मल तुम भी नहीं, मुक़म्मल मैं भी नहीं,
ये सोचकर एक-दूसरे की खताऐं माफ़ करते हैं।
आओ इस रिश्ते की इक नई शुरूआत करते हैं…
तुम चाहते हो मैं मनाऊँ पहले, मैं चाहता हूँ तुम,
इस तू-२, मैं-२ से निकल दोनों गले मिलते हैं|
आओ इस रिश्ते की इक नई शुरूआत करते हैं…
ख़ुदा तुममें भी है कहीं ख़ुदा मुझमें भी है कहीं,
इस लिहाज़ से एक-दूसरे को सजदा करते हैं।
आओ इस रिश्ते की इक नई शुरूआत करते हैं…
वो हसीन लम्हें शुरूआती मोहब्बत पैदा कर देंगे,
जहाँ पहली बार मिले थे उसी जगह फिर चलते हैं|
आओ इस रिश्ते की एक नई शुरूआत करते हैं…
एक-दूजे के बिना नामुमकिन हो जहाँ पहुँचना,
वो नई मंज़िल बनाकर नया सफ़र तय करते हैं|
आओ इस रिश्ते की एक नई शुरूआत करते हैं…