। हार को अपनी जीत बना ।
। हार को अपनी जीत बना ।
पीड़ा को अपनी गीत बना
कलम से अपनी, प्रीत निभा
शब्दों को, अपनी समशीर बना
होती शक्ति इनमे कितनी, ये
तू अब दुनिया को दिखा
हार को अपनी जीत बना।
ख्वाइशें सभी सच कर ले,
अपने शब्दों से, खुद ही
अब अपनी तक़दीर बना
लिख कहानी, हर हार की
सीखा क्या तूने उनसे, ये
समस्त जग को सिखा।
संघर्षों को दे अब सही दिशा
प्रण कर, प्रयाश कर,
न हार मान, विश्वास कर
लहू को अपने ले स्याही बना
कलम से अपनी प्रीत निभा
हार को अपनी जीत बना।