होलिका दहन
होलिका दहन
अम्मीजान रंगों में रंग होली है आई,
देख तेरी फिज़ा ने रंगोली बनाई।
लिए रंग तीन हरा, श्वेत, केसरिया,
श्वेत शांति, केसरिया बलिदान और हरा भरा समृद्धि से है।
अम्मीजान रंगों में रंग होली है आई,
देख तेरी फिजा ने रंगोली बनाई।
ऐ फिज़ा तेरी रंगोली मुझे बड़ी है भाई,
पर क्या कंरू रंगों की ही है लड़ाई।
कोई तरफ हरा तो कोई तरफ केसरिया,
दूर इंसान मूल से आज खड़ा।
मिटा रंगोली न देर हो जाए,
अब्बाजान कहीं खफा न हो जांए।
अम्मीजान इंसानियत का कोई रंग नहीं,
रंगभेद बस भ्रमजाल और कुछ नहीं।
फेंक दे जो श्वेत, सोख ले वो काला,
शोषण परावर्तन है नियम सारा।
अम्मीजान रंगों में रंग होली है आई,
देख तेरी फिजा ने रंगोली बनाई।
सच बिटिया इंसानियत का कोई रंग नहीं,
लोकतंत्र, गणतंत्र का तोड़ रंग नहीं।
कर दहन होलिका भ्रमजाल टुटा अभी,
रंगों में रंग, घड़ी स्वच्छ भारत की अभी।
आई होली मिटाने अमीरी गरीबी की खाई अभी,
दौर नोटबंदी बदल नोट रंग आए अभी।
चढ़ा रंग भारत पर, कोई कम नहीं,
लड़कियाँ लड़कों से आज कम नहीं।
बनाई रंगोली, वो बेटी फिजा भारत की।
रंगों में रंग होली है आई,
वाह बिटिया क्या रंगोली बनाई।
वाह बिटिया क्या रंगोली बनाई।