परिंदा
परिंदा
तोड़ कर अपनी बनाई बंदिशें
ख्यालों के परिंदे को खुुुले आसमान में तुम उड़ने दो
मंज़िल तक जाने का रास्ता ये खुद ढूंढ़ लेगा
दिल में हौसले के पंख बस तुम खुलने दो...।
तोड़ कर अपनी बनाई बंदिशें
ख्यालों के परिंदे को खुुुले आसमान में तुम उड़ने दो
मंज़िल तक जाने का रास्ता ये खुद ढूंढ़ लेगा
दिल में हौसले के पंख बस तुम खुलने दो...।