हे छोटा भीम !
हे छोटा भीम !
हे छोटा भीम ! तुम बडे़ कब हो जाओगे ?
इतने सालों से लोग देख रहे हैं तुम्हें
बच्चे भी बड़े हो गए तुम्हें देख कर
यह तो बताओ, तुम स्वयं बड़े कब हो जाओगे ?
हे छोटा भीम ! तुम बडे़ कब हो जाओगे ?
कभी गाँव की गलियों में कभी चौराहे पर
कभी जंगलों में, तो कभी शाओलिन में
अपनी टोली को ले कर घूमते रहते हो
मुझे यह तो बताओ, एक जगह पर टिके कब रहोगे ?
हे छोटा भीम ! तुम बडे़ कब हो जाओगे ?
टपू सेना भी टीवी पर तुम्हारे साथ आई थी
वह लोग अब स्कूल से कॉलेज जाने लगे
मुझे पता तो चले, तुम स्कूल कब से जाओगे ?
हे छोटा भीम ! तुम बडे़ कब हो जाओगे ?
लड्डू खा कर तुम खुद तो शक्ति पा लेते हो
साथ में पेैक्ड फूड्स का प्रचार भी करते हो
'घर का खाना ही पौष्टिक होता है'
ऐसा संदेश बच्चो को कब देने लगोगे ?
हे छोटा भीम ! तुम बडे़ कब हो जाओगे ?
ढोलकपूर की सारी समस्याओं को तुम
सूझ-बूझ से और बखूबी हल कर लेते हो
तुम्हारी यह कामगिरी तो सराहनीय है
पर क्या मैं पूछ सकता हूँ ऐ मेरे दोस्त ?
कि देश की समस्याएँ कब हल करोगे ?
हे छोटा भीम ! तुम बडे़ कब हो जाओगे ?
(छोटा भीम के प्रत्युत्तर ने मानो जैसे
मुझे नि:शब्द ही कर दिया)
विनती मैं करता हूँ आप से ओ महोदय
तुम नाहक ही मेरे पीछे मत दौड़ो
मैं तो एक 'काल्पनिक' पात्र हूँ साहब
कृपया मुझे 'वास्तविक्ता' से मत जोड़ो।