आ जाओ लौटकर तुम
आ जाओ लौटकर तुम
1 min
4.8K
आ जाओ लौटकर तुम,
दर्द-ए-जिंदगी अब और सही नहीं जाती।
होठों से हर गीत छूट गए,
आँखों से सपने रूठ गए।
खुशियाँ आँखों से मेरी,
पानी बन बह गए।
आ जाओ लौटकर तुम,
ये तन्हाई अब और सही नहीं जाती।
क्या इतनी दूर चले गए हो,
जहाँ से लौटना मुमकिन नहीं ?
चाहती हूँ कहना वो,
जो अब तक नहीं कहा।
आ जाओ लौटकर तुम,
अधूरी मोहब्बत की दास्ताँ,
अब कही नहीं जाती।