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दिल ने कुछ कहा , कुछ हमसे कुछ तुमसे

दिल ने कुछ कहा , कुछ हमसे कुछ तुमसे

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दिल ने कुछ कहा,
कुछ हमसे कुछ तुमसे
हमने सुन कर मुस्कुराया
तुम गुमसुम बन बैठे 


हमारी मुस्कुराहट ने मचा दी तबाही
बिना बात के नासुर बन गऐ
क्या मेरी यही सज़ा थी मुस्कुराने की
मैंने तो अपनी बर्बादी पर मुस्कुराया
वो समझ बैठे मैंने उनकी खिल्ली उड़ा दी
मैंने तो सोचा था मेरी मुस्कुराहट
उनकी दुनिया को रंगीनियों से सजा देगी
अंजाने में मैंने तो अपनी दुनिया ही उजाड़ दी 


 दिल ने कुछ कहा,
कुछ हमसे कुछ तुमसे

 इतनी तक़ल्लुफ़ से तो अच्छा था
पूछ लेते मुझ से मेरे मुस्कुराने का राज़
गम को धुएें में उड़ा कर
कुछ कहकहे सुना देती
तो तुम भी मेरे संग मुस्कुरा देते
मैं भी कुछ क्षण के लिऐ
अपने गम को भूल कर
तुम्हारे साथ ठहाके लगा लेती



मेरी भी शिकन दूर हो जाती
और तुम भी मुस्कुरा देते

दूरियाँ नज़दीकियाँ में बदल जातीं
और दिल तन्हाँ ना रहता
 दिल ने कुछ कहा,
कुछ हमसे कुछ तुमसे


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