Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

अस्मिता हूँ

अस्मिता हूँ

1 min
14K


तुम कैसे समझोगी मुझे

तुम्हारे लिए ज़िन्दगी घूमती है

तुम्हारे सीमित दायरे में

पति बच्चे और तुम

एक निश्चित उम्र में

तयशुदा ज़िन्दगी

उम्र का इसी अंदाज में

घिसटना /रेंगना और गिर पड़ो तो

पीटना सर 

तुम्हारे लिए चिरकाल से पहेली हूँ मैं

और पहेली ही रहूंगी।

......

लगाती रहो अनर्गल आरोप

तुम ही तय करती रहो आरोप

सुनवाई/पैरवी/और निर्णय भी

तुम्हारी अदालत में और भी हैं

चन्द मादाएं /तुम सी ही

तभी तो तय होता है/गठजोड़

निरर्थक प्रवंचनाओं का

गलती हैं कुंठाएं/निंदा के मत्त कर देने वाले आसव में

......किन्तु......

कहाँ तलाश पाती हो/समाधान

दृष्टि हीनता के अभाव में

उलझी रही आती है पहेली

.........

तुम्हारा अर्जित सम्पूर्ण /छलावा है

तुम्हारे होने सा ही

ये संचित कोष/ रिक्त ही रहना है

देखो और महसूस करो

पर कैसे करोगी

दृष्टिहीनता यहाँ भी आड़े आ जाती है

मुझे समझने की

......

मन की गिरहें /खुलती भी कैसे

तुम बुनती रही जाल/कुटिलताओं के

तुम्हारी आँखें/तलाशती हैं सिर्फ़ खोट

तो कैसे दिख पाएंगी/निर्मलताएं

तुम अपनी बदसूरती से /विलग होतीं

तब न देख पातीं/सुन्दरता मेरे मन की

तुमने उलीचे कीचड़/पर हार गईं

क्योंकि मैंने/खिला दिए कमल

तुम्हारी डाह/ निखारती ही गई मुझे

मैंने दहलीज़ के अन्दर रह ही

रच दिए/इंद्रधनुषी संसार

और जीत लिया मन

विधाता का भी

.....

कितना सरल था

मुझे जानना

ईर्ष्या रहित हो /मुक्त कंठ से

एक बार ही सही पास आतीं

तो हल हो जाती ये पहेली

दूसरों के दुखों को/जीना

अपना आप भुला के

अपनाना किसी का एकाकीपन

समेटना प्रेम को/बच्चे की

निश्छल मुस्कान सा

कर देना न्यौछावर /अपना सर्वांग

तन से/मन से

यही तो है हल

मेरी अस्मिता का

महज़ मादा नहीं हूँ मैं

अस्मिता हूँ मैं

हाँ अस्मिता हूँ मै


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational