अबला तेरी कहानी
अबला तेरी कहानी
ए नारी तू क्यों छुपा
लेती अपनी कहानी,
लबों पर मुस्कान लेके
पोंछ लेती हो आँखों का पानी।
बता तो सही तेरे दिल में,
छुपा क्या गम है।
बहारों के आगमन पर भी
सुना क्यूँ तेरा दामन है।
क्यों देती तू हर किसी को
अपनी पवित्रता की परीक्षा,
हर एक नजर क्यों करता है
तेरे आचरण की समीक्षा।
सत्य कहा क्या,
महान जयशंकर प्रसाद जी ने ?
अबला तेरी अजब कहानी
आँचल में दूध
आँखों में पानी।।