दोस्ती की मिसाल
दोस्ती की मिसाल
याद आता है दिन लड़कपन का,
एक ही दोस्त था मेरे बचपन का।
बड़े बड़े काम हमेशा जो,
चुटकियों में कर जातें थे।
एकता की मिसाल क्या है,
लोग हमें उदाहरण बताते थे।
घटनाएं ऐसी भी थीं उस समय,
जब लोग नौ दो ग्यारह होते।
नाम आता हम दोनों का जब,
हम एक और एक ग्यारह होतें।
समानताएं सोच की थीं तभी तो,
हमें जुड़वां कह लोग चिढ़ाते थे।
खेल कूद की रुचि के अलावा,
हम पढ़ाई में भी अव्वल आतें थे।
कबड्डी की प्रतियोगिता हुई थी,
स्कूल का नाम बढ़ाने के लिए।
हम दो दोस्त काफी थे जहाँ,
पूरे टीम को धूल चटाने के लिए।
तारीफों में हम छाएं थे और,
हमें ईनाम के लिए बुलाया गया।
वहाँ शामिल अनगिनत की भीड़ में,
हमें एक और एक ग्यारह बताया गया।
दोस्तों इसलिए कहते हैं कि,
समझदारी से भी बगावत होती हैं।
हमारी उंगलियों से ज्यादा,
मुठ्ठियों में ताकत होती हैं।