तलाश
तलाश
ताउम्र तलाश की ज़िंदगी तेरी...
जब पहुंचा मंज़िल पे, तो अश्क भर आये,
देखकर तुमको ठहर गया, कुछ पल के लिए,
लगा खत्म हो गई तलाश मेरी...
ताउम्र तलाश की ज़िंदगी तेरी...
अब कोई सवेरा तुम बिन, मुझको क्या दिखायेगा,
पानी सा नीर बहा आँखों से, दर्द कितना रुलाएगा,
पलकों की सतह जम गई है मेरी
ताउम्र तलाश की ज़िंदगी तेरी...
जब आईने से बातें की, आँखों में दिखे तुम,
घबरा कर आँखें बंद की, मुझमें मिले तुम,
अब जाऊं कहां मुझमें बसी दुनिया तेरी...
ताउम्र तलाश की ज़िंदगी तेरी...
खंजर मारे तनहा सीने में, उफ़ क्या करूँ,
तुमसे मिली दीवानगी, अब शिकायत क्या करूँ,
मुझसे खफा हो गई परछाई मेरी...