तोड़ दो वो रिश्ता
तोड़ दो वो रिश्ता
तोड़ दो वो रिश्ता जहाँ टूटने का डर हो,
क्योंकि जहाँ डर होता है वहाँ प्यार नहीं होता।
पर बेशक तोड़ने से डरना वो दिल,
जिसकी धड़कन में भी तुम्हारा ही नाम हो।
दिल से बनाना तुम अपने सपनों का घर,
लग ना जाए देखना कहीं किसी की बुरी नजर।
पर छोड़ दो वो घर जिस कोने में तुम्हारा नाम ना हो
जिस दिल में प्यार नहीं, महलों में प्यार कहाँ होगा।
पैसों को रिश्ते में कभी भी तुम आने ना दो,
और रिश्ता पैसों से अनमोल हो तो जाने ना दो।
पर जाने दो उसे जो पैसे के साथ आये और जाये,
क्योंकि पैसे से बंधे रिश्तों का अंजाम क्या होगा।
छोड़ देना उनको जो मुंह पे मीठे बनते हो,
पर दिल में छिपाएं जाने कितने बैर रखते हों।
मत छोड़ो उनको जो पीठ पीछे बातें करते हो,
और मत छोड़ना उनको जो मुंह पे ताने कसते हो।
इनकी बातें और ताने दोनों का ही बड़ा काम है,
क्योंकि जो ताने से ना गुजरे उसका नाम क्या होगा।