मेरे कन्हैया
मेरे कन्हैया
कृष्णा का नाम को जो भी गाए
मृत्यु पर भी विजय वो पाए
कृष्णा बिना कुछ याद ना आये
हर पल दिल, कान्हा, तुझको बुलाये
कृष्णा, कृष्णा, कृष्ण, कृष्णाय
आत्मा मेरी तुझको बुलाये
दर्शन दे दे एक बार तू
क्यों मुझको तू इतना रुलाये
भोजन करती हूँ ना कभी अकेले
अर्पण करती हूँ तुझको पहले
पहला निवाला तू ही ले ले
बदले में सबको खुशियाँ बाँट दे
शयन से पहले की माँग जो मेरी
पूरी कर दे, हे गिरिधारी
सबको सलामत रख है हरी
विनती मेरी तू सुन ले मुरारी
ज्ञान का मन में दीप जला दे
प्रेम सुधा होठों में दे दे
काम कितना ही कठिन हो किन्तु
करने की प्रेरणा खुद से दिला दे
अखियाँ मन की खोल चुकी हूँ
माया संसार की छोड़ चुकी हूँ
सत कर्मो की राह दिखा के
ले जा पकड़ के थक में चुकी हूँ
कोटि रूपधारी, हे मन मोहन
खुद में समाये हो सारा भुवन
छोटी सी जगह मुझको भी दे दे
भटक रही हूँ बिना तेरे दर्शन।।