मिलना बिछड़ना
मिलना बिछड़ना
रखा था अभी तक
छुपाए कहाँ पर।
ये मासूम चेहरा जो
दिखाया यहां पर।
गुलाबी ये गालों की
नागिन से बालों की
ये माथे की बिंदिया
ये कानों की बाली।
मासूम से चेहरे पर
निखरी ये लाली।
उठती है जब भी
ये पलकें तुम्हारी।
मिलती है नज़रे
हमारी तुम्हारी।
उठाकर झुकाना
नज़रे मिलाने का
अच्छा बहाना।
उठाने छुपाने में
क्या क्या कह देना ।
जुबां जो न कह पाये
निगाहों से कहना ।
ऐसे ही प्यार का
इज़हार करना ।
दिल जो न कह पाये
निगाहों मे कहना ।
आपस में दोनो के
परिचय हुये तो
प्यार से उन्होने
लड्डू भी खिलाये ।
प्यार की दो मीठी
बातें भी सुनाये ।
दिल में इन दोनो ने
ऐसा डाका डाला ।
चेहरा वो दोनो का
था भोला भाला ।
सोचा था सो जाऊँ
बर्थ पाकर खाली
कैसा वो पल था
जो नज़रे मिला ली ।
उड़ी निंदिया मेरी
जो उठी पलकें तेरी
पलकें उठाना ।
पलकें झुकाना ।
तिरछी निगाहों से
क्या क्या कह देना
मायूस था यो में
सफर के ही पहले
मुरझाया चेहरा था
मिलने से पहले
खिल उठा मन
मचल उठा तन
एक हुआ जैसे
दोनो का मन ।
मचलते ये मन को
कब तक और
कैसे समझाऊँ
नजर को उठाऊँ
या पलकें झुकाऊँ
मन ही मन मे
कैसे शरमाऊँ ।
बातें जब करती हो
किसी और से भी
मगर दिल धड़कता है
करीब मेरे आकर
किसी के करीब होकर
दिल मुझसे मिलाया ।
जो कि मुझसे बातें
फिर भी तड़पाया ।
पैरो से सिर तक
लगता है लिख दूँ ।
तारीफों के हर पल
रंगों से भर दूँ ।
निगाहों ने मिलने से
बहुत कुछ कहा है
शरमों हया का भी
परदा हटा है ।
बातें अभी कुछ
थोड़ी सी हो जाये ।
जन्मों जन्म की
मुलाक़ातें हो जाये ।
जानी पहचानी सी
ये लगती है सूरत
लिखूं और लिखता
ही जाऊँ बहुत कुछ ।
हमारे इस मिलन को
न भूलेंगे कभी हम ।
कुछ ही समय मे
जब बिछड़ जायेंगे हम ।
हम दोनों को
जाना अलग है
बातों ही बातों मे
निश्चय हुआ है ।
आखिर यों हमने
दिल क्यो लगाया ।
नज़रे मिलाकर
दिल को तड़पाया ।
तड़पते रहेगे अब
ये दो दिल हमारे ।
बिछड़ना ही था तो
क्यो मिले दिल हमारे ।
मिलन की ये यादें
न भूलेंगे कभी हम
मिलन और जुदाई से
तड़पेंगे अब हम
मिलना बिछड़ना
यही जिन्दगी है ।
मुद्दत से अच्छी
ये दो पल की खुशी है ।