यथार्थ व्यथा
यथार्थ व्यथा
हर दिशा मे विषाद है,
हर शब्द ही विषाक्त है.
एक याचक को क्षमा नही,
और एक लोभी कृतार्थ है.
इसमे अदृश्य है अभियक्ति और दष्ट्या सिर्फ व्यक्ति.
हर कथा मे व्यथा,
ये प्रेम वो पदार्थ है,
व्यथा ही यथार्थ है.
हर दिशा मे विषाद है,
हर शब्द ही विषाक्त है.
एक याचक को क्षमा नही,
और एक लोभी कृतार्थ है.
इसमे अदृश्य है अभियक्ति और दष्ट्या सिर्फ व्यक्ति.
हर कथा मे व्यथा,
ये प्रेम वो पदार्थ है,
व्यथा ही यथार्थ है.