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Ajay Singla

Inspirational

4.3  

Ajay Singla

Inspirational

मेरी बूढ़ी माँ

मेरी बूढ़ी माँ

1 min
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मैं पचास का हो गया हूँ और मेरी माँ अस्सी की हो गयी हैं,

माँ बेटे के रिश्ते की खुशी शायद कहीं खो गयी है।


कुछ शांत हो गई है और गम अपने अंदर ही भरने लगी हैं,

अब मुझे कुछ बात कहने से भी डरने लगीं हैं।


मेरी छोटी सी बीमारी से आँखें भरने लगी हैं,

अपनी चिंता छोढ़, मेरी चिंता करने लगी हैं।


मेरे बच्चों की छोटी सी चोट से डरने लगी हैं,

उनके लिए अपने भगवान से भी लड़ने लगी हैं।


सुबह उठकर उनका टिफिन बनाने की आदी है वो,

मेरे बच्चों की प्यारी प्यारी दादी है वो।


गहने और शृंगार की उसे नहीं कई ज़रूरत है,

इन झुर्रियों में भी मेरी माँ बहुत खूबसूरत है।


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