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माँँ कसम

माँँ कसम

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माँँ कसम

क्या गरम है रे भाई

अच्छा नहीं लगता

मक्खन मलाई

दो रोटी भी खाना मुश्किल

बदन करता पसीना से पिलपिल

पंखे की हवा

बदन में नहीं लगती

पाड़ा में अड्डा मारने से

घर वाली चिल्लाता

छत में सोने से

मच्छर काटता

माँँ कसम

क्या गरम है रे भाई

पानी...!

ज़रा जल्दी आ रे भाई...।


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