हमसफर पास था
हमसफर पास था
जाने क्या बात हुई
वह हमसे रूठ गए क्यों हमसे रूठ गए
दिल की राहें साथ थी ,
राहो में साथ था, हमसफर पास था।
दिल में थी खास खिली बहार
खिले फुलों सी महक
उमंगों के सपनों में खोए रहते मदहोश
राहो मैं पैगाम था, हमसफर पास था ।
शामियाना बसाया एक दूजे के लिए
आरजू हर पल की थी ,
दिल पर यकीन था,
राहों में जोश था, हमसफर पास था।
लफ्जो में रुझान था, बंदगी की शान थी,
हर अदा बेखबर थी, शराफत पहचान थी,
आँखों में इजहार था, हमसफर पास था।
जफाये हमारे लिए, अदब दिल में था,
रंगीन थी फिजायें, इरादों में नेकियाँ,
राहों में प्यार था, हमसफर पास था ...
आसमानी तमन्नायें, दिलकश अदायगी,
उम्मीद थी खुशियां भरी मंजिल भी पास थी
राहों में उजाला था, हमसफर पास था....।