तुम याद रहोगे
तुम याद रहोगे
मंज़िलें हमारी चाहे अलग हो जाएँ,
सफर-ए-ज़िन्दगी में, मेरे तुम साथ रहोगे।
किस्मत चाहे दूर कर दे हमे,
मेरे साँसों में हमेशा, तुम पास रहोगे।
यादें मेरी जो कभी धुंधली हो जाएँ,
फिर भी, कविताओं को मेरी तुम याद रहोगे।
ज़िन्दगी चाहे ये छूट जाये मुझसे,
रूह में मेरी तुम आबाद रहोगे।
ज़िन्दगी और तक़दीर से परे,
हृदय को मेरे, तुम सदा याद रहोगे।