मार डालो हर जिस्म के व्यापारी को
मार डालो हर जिस्म के व्यापारी को
मार डालो हर जिस्म के व्यापारी को,
या जनता में ले आओ ऐसे हर अधिकारी को,
जो ख़त्म कर रहा है, देश से शर्म पर्दादारी को,
मार डालो हर जिस्म के व्यापारी को...
देश की हालत ऐसी तो न थी, हर तरफ लाचारी हो,
फ़ैल रहा है फंगस की तरह रोको ऐसी बाज़ारी को,
कभी आने वाले वक़्त में, हर कोई न इसका शिकारी हो,
मार डालो हर जिस्म के व्यापारी को...
आज हर नुक्कड़ चौराहे पर बन रहा है ऐसा बाजार,
बंद करो ऐसे लोगों को,देकर अपना कीमती समय सरकार
कहीं ऐसा न हो तुम्हारे घर से भी बना पुजारी हो,
मार डालो हर जिस्म के व्यापारी को...