मुझे बचा लो
मुझे बचा लो
जब भी मन उदास होता है
तन्हाइयां सी लगने लगती है
मन चीख कर कह उठता है
माँ मुझे बाहों में भर लो
जब भी चोट थोड़ी सी लगती है
आँखों से आँसू बहने लगते है
सब से पहले दिल ये ही कहता है
कहाँ हो माँ मुझे बाहों में भर लो
जब भी कोई बुरा सपना आता है
सोते सोते नींद खुल जाती है
अंधेरों से डर लगने लगता है
पुकार हड़बड़ा कर यह ही होती है
माँ माँ मुझे बचाओ मुझे बाहों में भर लो
मुझे अपनी गोद में सो लेने दो
मुझे अपने आँचल की छाँव में ले लो
मेरे साथ चिपक जाओ तुम माँ
मुझे बचा लो बचा लो