मैं
मैं
मैंने किया तो बहुत किन्तु
क्या मौलिक !
हाँ तुम्हें पहचाना ज़रूर
पूर्ण या आंशिक।
तुम्हारे रूप का वर्णन ही
महाकाव्य बना।
तुम्हारी शक्ति का उपयोग
उद्योग बना ।
तुम में लींन मैं हुआ / न
तो देवत्व मिला।
तुम मैं न बन सका गर
तुम्हारी इच्छा
या मेरी नियति
तुम्हें ही ज्ञात हो।