मैने देखा....
मैने देखा....
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मैने देखा गौर से
जब भी उसकी ओर
लगा मुझे जैसे
हो रही हो भोर
चुरा लिया है दिल
है वह चितचोर
जैसे लगती है वह
चाँद की चकोर
मेरी पतंग उसका
वह हो गयी हैै डोर
जैसे मन के आंगन मे
नाच रहा हो मोर
दिल होता है बेकाबु
नही चलता अब जोर
उसकी चर्चा तो अब
चला है चारों ओर