दिल ढूँढ रहा है
दिल ढूँढ रहा है
दिल ढूँढ रहा है उन निगाहों को
जो आज भी हमें ढूँढ रही होंगी
चुप के से जो मिली थी नजरें
भरी महफ़िल में हमें ढूँढ रही होंगी
दिल ढूँढ रहा है उस ऐसे दिल को
जो दिल हमारे लिए धड़कता होगा
जैसा पहली मुलाक़ात में धड़का था
हमारी याद में वैसे ही धड़कता होगा
दिल ढूँढ रहा है उस हसीन चहेरे को
जिस की तस्वीर दिल में छप चुकी है
हम चाह कर भी उखाड़ नही पाएँगे
वो तस्वीर यूँ दिल में चिपक चुकी है
दिल आज तक ढूँढ रहा है उन्हें
जो हमे किसी ज़माने में मिले थे
वो जब हमें पहली बार मिलें थें
दिल में अरमानों के फूल खिलें थें
पर क्या पता क्या होगा उस वक्त
जब हम अचानक कही मिलेंगे?
क्या हम कुछ बात कर भी पाएँगे ?
या एक-दूसरे को देखते ही रहेंगे ?