आस-प्रभात
आस-प्रभात
आज हुआ जो उससे सीखो
आने वाले कल को देखो
बीत गई अच्छा वो भूले
बीती रात कमल दल फूले
खुशबू आएगी मेहनत की
धीरज से भी महक उठेगी
संयम की सुरभि भी छू ले
बीती रात कमल दल फूले
सुख-दुख दोनों याद रहेंगें
जीवन संध्या का धन होंगें
पल जीवन के ये अनमूले
बीती रात कमल दल फूले
सावन फिर से भी आएगा
बरखा फिर से भी बरसेगी
फिर होंगें उत्सव के झूले
बीती रात कमल दल फूले