तेरे बिन
तेरे बिन
मैं हूँ, मैं हूँ
क्या मैं हूँ...तेरे बिन, क्या मैं हूँ?
जुदा तुझसे हो ना पाऊं
बिन तेरे मैं रेह ना पाऊं
जाऊं तो कहाँ मैं जाऊं?
यादें तेरी आ जाती है
आंसुओं को ले आती है
छोड़ के मुझे जाती है तू क्यूं?
मैं हूँ, मैं हूँ
क्या मैं हूँ...तेरे बिन, क्या मैं हूँ ?
बरखा बिना जैसे धरती
तू क्यूं है न मुझ पर मरती
प्यार से अब क्यूं डरती है तू?
जीने की अब आस जगा जा
आजा मेरी बाँहों में आजा
झूठा ही अब प्यार जाता जा ...
मैं हूँ, मैं हूँ
क्या मैं हूँ...तेरे बिन, क्या मैं हूँ ?