ये माँ भी कैसी होती है !!
ये माँ भी कैसी होती है !!
ये माँ भी कैसी होती है !!
अपनी सांसें काम करके
वो सांसें हममें भरती है
वो खुद मरने को होती जब
वो जन्म हमको देती है ...
टूटे फूटे अल्फ़ाज़ हमारे
धैर्य रख सुन-समझती है
आराम को अपने बलिदान कर
रातों भर जागा करती है...
परियों और राजाओं के किस्से
हमे थपकी दे बताती है ..
सूखे बिस्तर पे हमे सुला
खुद गीले पे रात बिताती है !!
कुछ बड़े हुए तो कन्धों पे बस्ते
रोज़ हमारे ढोती है ..
कभी गलती पे हमे मार पड़ी
तो चुप चाप खुद ही रोती है
ये माँ भी कैसी होती है !!
जीवन की हर कठिनाई
से भरसक हमे बचाती..
गिर के उठना ही नियम है
हिम्मत से हमे सिखाती !
हो पथ कोई कैसा भी जटिल
जब साथ कोई ना होता है ...
वो अडिग साथ मेरे होती है
जब जग भी खिलाफ होता है !!
स्वयं ईश्वर का स्वरुप
हर घर में महसूस कराती है
हो हार कभी या जीत कहीं
ये याद हमेशा आती है ....
मेरा बचपन बच्चो में मेरे
देख खुश हो लेती है ...
सब बला खुद लेकर
बस दुआ दिल से देती है !!
ये माँ भी कैसी होती है ....