हुस्न वाले
हुस्न वाले
हुस्न वाले क्यों अदा यूँ आशकार करते हैं
रूख़ पे पर्दा और निगाहों से वार करते हैं।
हैं निशाने पर ये जहान हमें मालूम है
फिर भी हम आशिक तुमसे प्यार करते हैं।
बड़ा मासूम दिल है ये जो दिया था तुमको
रात भर बस तेरी हाँ का इंतजार करते हैं।
चाहें तो देखते हैं यूँ ही मुस्कुरा के हमें
रूठ जाये तो ये नखरें हजार करते हैं।
हो रहा अब तो दुश्मन भी जमाना यारों
छोड़ सबको चल हम इश्क यार करते हैं।
दे रहे इल्जाम मेरी मोहब्बत को सनम
हम तो ताउम्र तुम पर एतबार करते हैं।
महका हैं गुलशन भी मेरे गेंसूओं से सुनो
क्यों कर फिर चर्चा-ए-बहार करते हैं
खो गया है जो चमन - ए -गुलिस्तां अपना
चल 'दिव्या' फिर इन्हें ही गुलजार करते हैं।