मुझको कसम ना देना
मुझको कसम ना देना
मुझको कसम ना देना
बातें वफा ना करना,
जब मौत दिल ये चाहे
जीने को तु कहना।
चाहा था तुझको मैने
दुनिया तुझे मैं समझा,
अब दिल ना फिर लगाना
फिर तुम कसम ना देना।
कैसी सज़ा मिली है
आफ़त गले पड़ी है,
अब मै भुला रहा हुँ
फिर तुम कसम ना देना।
आँखों में आज सूरत
तेरी हसीन नही है,
फिर ना गले लगाना
तुम फिर कसम ना देना।
तुम ने ही मुझको छोड़ा
फिर भी गिला है मुझसे,
ख्वाबों मे तुम ना आना
फिर तुम कसम ना देना।
कहने दो दिल की बातें
संगदिल है ग़म की रातें,
यादों मे तुम ना आना
फिर तुम कसम ना देना।