पूनम की रात
पूनम की रात
चमकती पूनम की हो रात
और आवारा सा चाँद जब हो साथ
मेरे नैनों की भाषा पढ़ने को...
काश तुम आ जाओ !
बिखरे जब दूधिया सी चाँदनी
छेडे़ जैसे कोई मधुर रागिनी...
प्रेम की मीठी धुन सुनाने को
काश तुम आ जाओ !
शीतल सी हो मंद बयार
और संग हो जुगनुओं की बारात
मुझे हौले से बहकाने को....
काश तुम आ जाओ !
घास के रेशमी ग़लीचों पर
जब झिलमिलायें शबनम की बूँदें
उन पर उम्र भर साथ चलने को...
काश तुम आ जाओ !
फूले जब चमेली और रात की रानी,
और महका दें सारी कायनात...
उस ख़ुशबू में साथ बहकने को...
काश तुम आ जाओ !
जब मन में हो प्रेम का सैलाब
और मचलते हों ढेरों जज़्बात...
मेरे दिल की धड़कनें सुनने को
काश तुम आ जाओ !
सच हों सारे सतरंगी ख़्वाब
जिन्दगी में रोशन हों आफ़ताब
ग़र मिलन की चंद घड़ियाँ संग बिताने को...
बस तुम आ जाओ !!