Divya Priyadarshni
Inspirational
कोशिश तो पूरी होगी हमारी जीत की !
लेकिन फिर भी जो ना जीत मिली,
समझ लेना किस्मत फिर बाजी मार गयी !
कोशिश की किस्...
जिंदगी का अजब है अफसाना जीना पड़ता है हर इंसान को यहां। जिंदगी का अजब है अफसाना जीना पड़ता है हर इंसान को यहां।
विचलित हो जाना ये प्यार अपनापन नहीं तो और क्या है? विचलित हो जाना ये प्यार अपनापन नहीं तो और क्या है?
यह धरती भी तो, हमारी एक माता है इंसान आखिर यह क्यों, भूल जाता है। यह धरती भी तो, हमारी एक माता है इंसान आखिर यह क्यों, भूल जाता है।
नहीं चाहती मैं तुम्हारे जैसा बनना औरत हूं हर जन्म औरत बनना चाहती हूं। नहीं चाहती मैं तुम्हारे जैसा बनना औरत हूं हर जन्म औरत बनना चाहती हूं।
कहते सुना अक्सर लोगों को, प्यार सबकुछ सिखा देता है। कहते सुना अक्सर लोगों को, प्यार सबकुछ सिखा देता है।
अगर प्रेम का ईंट और गारा हो घर के नींव में भाईचारा हो। अगर प्रेम का ईंट और गारा हो घर के नींव में भाईचारा हो।
अटलांटिक महासागर पार किया और पहुँच गये न्यूयार्क के मैनहेटन। अटलांटिक महासागर पार किया और पहुँच गये न्यूयार्क के मैनहेटन।
शूल ही देते है,अक्सर हमको यहां पर सहारा फूलों का क्या थोड़े से मुस्कुराये, मुरझा लिये। शूल ही देते है,अक्सर हमको यहां पर सहारा फूलों का क्या थोड़े से मुस्कुराये, मुर...
मैत्री भाव की पराकाष्ठा अति सुंदर हाथों का हाथों से मिलना होगा! मैत्री भाव की पराकाष्ठा अति सुंदर हाथों का हाथों से मिलना होगा!
सोने से पहले दस मिनट तक आत्मनिरीक्षण का अभ्यास करें। सोने से पहले दस मिनट तक आत्मनिरीक्षण का अभ्यास करें।
उठता है एक सवाल, क्या भय होनी चाहिए? या भय क्यों होनी चाहिए। उठता है एक सवाल, क्या भय होनी चाहिए? या भय क्यों होनी चाहिए।
युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा। युग का जब -जब भी आविरभाव होगा। राम तुम्हे तब-तब ही वनवास होगा।
सुंदरता बसंत की चहुं ओर खुशी है। चिड़ियों की चहचहाहट देती एक खुशी है। सुंदरता बसंत की चहुं ओर खुशी है। चिड़ियों की चहचहाहट देती एक खुशी है।
विकास की डगर होगी कठिन, जब आदी नारी शक्ति नहीं होगी संग। विकास की डगर होगी कठिन, जब आदी नारी शक्ति नहीं होगी संग।
है परीक्षा हर कदम पर , राह चलना है कठिन !! है परीक्षा हर कदम पर , राह चलना है कठिन !!
ये महंगाई बहुत ज़्यादा बढ़ गई है, दो वक़्त की रोटी मिलती नहीं है। ये महंगाई बहुत ज़्यादा बढ़ गई है, दो वक़्त की रोटी मिलती नहीं है।
नाम था कल्पना देश का नाम ऊँचा करती वो भारत की बेटी प्यारी थी। नाम था कल्पना देश का नाम ऊँचा करती वो भारत की बेटी प्यारी थी।
मैं खड़ा हूँ..., हर आवाज़ को आवाज़ देने के लिए। मैं खड़ा हूँ..., हर आवाज़ को आवाज़ देने के लिए।
संयम मन में रख सदा, यही जीत का राज। धीरज से है बन रहे,सारे बिगड़े काज।। संयम मन में रख सदा, यही जीत का राज। धीरज से है बन रहे,सारे बिगड़े काज।।
निर्झर जैसी अपनी धुन है। बहते यूं ही जाना है। निर्झर जैसी अपनी धुन है। बहते यूं ही जाना है।