मुहब्बत का हमने जाम ले लिया !
मुहब्बत का हमने जाम ले लिया !
मुहब्बत का हमने जाम ले लिया,
जुदाई इबाबत का दाम ले लिया !
वो खुश है अकेले हो हमसे जुदा,
तो हमने भी प्यारा सलाम ले लिया !
फरेबी मुहब्बत में वादाखिलाफी,
न जानो कोई इंतकाम ले लिया !
कहीं हो न जाए रुसवा मुहब्बत,
अगर हमने उनका नाम ले लिया !
चैन है गवाया कर उनसे मुहब्बत,
जागती रातों का पैगाम ले लिया !
नीले आसमां में नदारत है बादल,
यहाँ किसने अपना काम ले लिया !
जी रहा है शशी आज भी मुस्कुराकर,
न जाने क्यों ऐसा अंजाम ले लिया !
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शशिकांत शांडिले (एकांत), नागपुर
मो.९९७५९९५४५०