एक आरज़ू थी तुझे पाने की...
एक आरज़ू थी तुझे पाने की...
तेरी यादों को दिल में बसाने की
तेरी नज़रों में समां जाने की
कुदरत का इशारा कुछ और था वरना...
एक आरज़ू थी तुझे पाने की...
तेरे हुस्न की गिरफ्त में कैद हो जाने की
तेरी महकती सांसों में खो जाने की
कुदरत का इशारा कुछ और था वरना...
एक आरज़ू थी तुझे पाने की...
तेरी महफ़िल में आ जाने की
तेरे प्यार के तराने गुनगुनाने की
कुदरत का इशारा कुछ और था वरना...
एक आरज़ू थी तुझे पाने की...